प्रजापति मंथन : जयपुर (राज.) मोलेला की मिट्टी से स्टूडेंट्स ने स्त्री-पुरुष की कलाकृतियां, दीये जैसी कई चीजें बनाईं। मौका था जवाहर कला केंद्र में आयोजित की जा रही 5 दिवसीय मोलेला पॉटरी कार्यशाला का। प्रशिक्षक अम्बालाल कुम्हार और राजमल गर्ग 15 प्रतिभागियों को यह आर्ट सिखा रहे हैं। इस दौरान लोगों ने वर्कशॉप में खुद डिजाइन चुने और उन्हें प्रशिक्षक के सहयोग से आकार दिया।
इस मौके पर अम्बालाल ने कहा कि यह हमारी पुश्तैनी कला है। इस कला के लिए राजसमंद के मोलेला गांव की खास मिट्टी का उपयोग किया जाता है। यहां भी गांव के तालाब की मिट्टी लेकर आए हैं। वहीं, राजमल ने बताया कि मोलेला पॉटरी एक खास तरह की कला है। इसमें मिट्टी की मदद से देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाई जाती हैं। यह कार्यशाला 1 मार्च तक चलेगी।