प्रजापति मंथन : बाढडा । भारत सरकार की ललित कला अकादमी द्वारा दीपक आर्य बेरला की पेंटिंग को राष्ट्रीय अवार्ड के लिए चुना गया । ललित कला अकादमी की राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी में देश भर के 5714 प्रतियोगियो ने भाग लिया । जिसमें से 20 प्रतियोगियों को पुरूस्कार के लिए चुना गया ।
इसमें बाढडा क्षेत्र के गांव बेरला के दीपक आर्य की पेंटिेंग लाइफ ऑफ माई मदर को चुना गया है । दीपक आर्य हरियाणा के एक मात्र चयनित प्रतिभागी है । अब दीपक आर्य को राष्ट्रपति के हाथो दो लाख रूपये की राशि सहित राष्ट्रीय पुरूस्कार से सम्मानित किया जायगा । दो साल पहले अमेरिका में आयोजित विश्वस्तरिय ऑनलाइन पेंटिंग प्रतियोगिता में भी दीपक आर्य ने 120 देशो के प्रतिभागियो में दूसरा स्थान प्राप्त किया था और दीपक आर्य को 1500 डालर पुरूस्कार मिले थे । बेरला के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विधालय से बारहवीं तक की शिक्षा प्राप्त करके दीपक आर्य ने दिल्ली विश्वविधालय से कला स्नातक और बनारस हिंदू विश्वविधालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा प्राप्त की है । दीपक आर्य अब दिल्ली में स्वतंत्र कलाकार के रूप में अपना नाम कमा रहे है ।
दीपक की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के आर्य नेता धर्मपाल आर्य वीर शास्त्री भाण्डवा, आर्यसमाज के प्रधान डॅा. देवेन्द्र आर्य बोहरा, प्रधानाचार्य बिशम्भर सिंह, कार्यभारी प्राचार्य सतपाल आर्य ने बताया कि दीपक आर्य विधालयी समय से कला विषय का होनहार विधार्थी तथा आर्यसमाज का समर्पित कार्यकर्ता है । दीपक लगन ओर उत्साह का फल राष्ट्रीय पुरूस्कार है । यह लगन अन्य विधार्थीयो के लिऐ अनुकरणीय है । उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में और सरकारी विधालयो में प्रतिभाओ की कमी नहीं है ।
आर्य वीर दल चरखी दादरी के मंडलपति कुलदीप आर्य शास्त्री व आर्य समाज बेरला के प्रधान रमेश चन्द आर्य ने बताया कि दीपक आर्य पेंटिंग में विशेष पुरूषार्थ कर राष्ट्रीस सम्मान के हकदार बने है । आर्यवीर दीपक आर्य की इस उपलब्धि पर क्षेत्र के संचालक उमेद सिंह शर्मा, प्रधान डॉ. देवेन्द्र आर्य बोहरा, सरपंच ज्योति बेरला, प्रधान रमेश चन्द आर्य, कार्यकारी प्राचार्य सतपाल आर्य, कन्या गुरूकुल पंचगांव के प्रधान ओम प्रकाश, विजेन्द्र सिंह प्रधान, आर्यवीर दल चरखी दादरी के मंडलपति कुलदीप आर्य, मंत्री तेजवीर आर्य, किष्कंधा, बुजुर्ग धावक रामकिशन शर्मा, आचार्य प्रवीण कुमार योगी, स्वामी सच्चिदानन्द सरस्वती, जयकरण आर्य धनासरी आदी थे ।